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Keylogger क्या होता है और इससे कैसे बचें

Keylogger क्या होता है और इससे कैसे बचें ?

Posted on April 24, 2021May 23, 2021 by admin

Keylogger क्या होता है और इससे कैसे बचें? -आज के समय में लगभग सभी लोग मोबाइल फोन या कंप्यूटर का प्रयोग जरूर करते हैं। हम लोग अक्सर अपने मोबाइल और डाटा को सेफ रखने के लिए पासवर्ड का प्रयोग करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता कि वह पासवर्ड है कोई आता है और हमारे मोबाइल से या कंप्यूटर से कोई इंपोर्टेंट डाटा चोरी हो जाता है। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? दरअसल हैकिंग की दुनिया में कई ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे। इसीलिए इस आर्टिकल में हम आपको एक Hacking Tool Keylogger के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। इसमें हम आपको बताएंगे कि Keylogger क्या होता है और इससे कैसे बचें?

Keylogger क्या है?

दरअसल Keylogger हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों रूप में उपलब्ध है। Keylogger को हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर कहना उतना सही नहीं है बल्कि इसे एक Hacking Tool कहना सबसे उचित रहेगा। Keylogger की मदद से आप किसी व्यक्ति के स्मार्टफोन या कंप्यूटर को बड़े ही आसानी से हैक करके यह पता लगा सकते हैं कि वह अपने डिवाइस में क्या टाइप कर रहा है या कौन सा काम कर रहा है।

हालांकि हम आपको Keylogger का प्रयोग करने की सलाह नहीं दे रहे हैं बल्कि इसलिए जानकारी दे रहे हैं ताकि आप इसके बारे में जान सकें और सचेत रह सके। कई बार हम कोई ऐसा ऐप या सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर लेते हैं जिसके साथ Keylogger भी हमारे डिवाइस में इंस्टॉल हो जाता है। इसके जरिए वह बड़े आसानी से पता लगा लेता है कि हम अपने डिवाइस में कौन सा काम कर रहे हैं। वह बड़े ही आसानी से हमारी टाइपिंग का पता लगा सकता है।

हालांकि बहुत सारे लोग Keylogger का प्रयोग सिर्फ किसी ऐसे व्यक्ति पर नजर रखने के लिए करते हैं जिनसे उनकी कोई दुश्मनी हो या जिनको वे बर्बाद करने की चाहत रखते हो। वह किसी न किसी तरह हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर के रूप में हमारे डिवाइस में इसे इंस्टॉल कर देते हैं और बाद में वह हमारी सारी गतिविधियों पर नजर रखते हैं। यदि हमारे स्मार्टफोन ता कम्प्यूटर में Keylogger सॉफ्टवेयर इंस्टॉल होता है तो हम जब भी कुछ टाइप करते हैं तो यह ऑटोमेटिक एक लॉग फाइल बना लेता है जिसके चलते दूसरे व्यक्ति को यह जानकारी हो जाती है कि हम अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर में क्या टाइप कर रहे हैं।

Keylogger की मदद से वह बड़े ही आसानी से ऑनलाइन बैंकिंग के समय यूज किए जाने वाले यूजरनेम और पासवर्ड का आसानी से पता लगा सकता है। इसके अलावा वह यूजरनेम और पासवर्ड की जानकारी करके उसका गलत प्रयोग भी कर सकता है। आपने शायद सुना होगा कि किसी के अकाउंट से पैसे गायब हो गए दरअसल यह सब इसी के चलते के कारण होता है। ऐसे व्यक्ति के स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर Keylogger सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर दिया जाता है और उनकी व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर ली जाती है।

Hardware Keylogger

Keylogger एक डिवाइस के रूप में भी उपलब्ध है जिसे Hardware Keylogger कहा जाता है। दरअसल यह एक डोंगल या पेन ड्राइव की तरह होता है, जिसे कंप्यूटर में या लैपटॉप में लगा दिया गया होता है। यदि आपके कंप्यूटर या लैपटॉप में हार्डवेयर की लागत लगा होगा तो आप उसमें जो भी टाइपिंग करेंगे वह ऑटोमेटिक ही उस पेन ड्राइव में सेव हो जाता है। उसके बाद वह जब चाहे आपके जैसा को देख सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यदि आप यह ध्यान नहीं देते हैं कि आपके कंप्यूटर में कोई ऐसा डिवाइस लगा हुआ है तो आपको यह जानकारी भी नहीं हो पाएगी कि कोई आपके डेटा को चुरा रहा है।

Software Keylogger

Hardware Keylogger से बचना थोड़ा आसान है लेकिन Software Keylogger से बचना बहुत मुश्किल है। कई बार हम अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर में कोई सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं जिसमें Keylogger Software पहले से मौजूद होता है। ऐसे सॉफ्टवेयर हमारे स्मार्टफोन से मौजूद व्यक्तिगत जानकारी चुरा सकते हैं और साथ ही साथ यह भी जान सकते हैं कि हम अपने डिवाइस में क्या टाइप कर रहे हैं। इतना ही नहीं आप यह भी नहीं पता लगा सकते कि आपके डिवाइस में यह इंस्टॉल है या नहीं और यह हमेशा बैकग्राउंड में चलता रहता है।

Keylogger से कैसे बचें?

यदि आप कुछ सावधानियां बरतें तो कैलगर से आसानी से बच सकते हैं। इसके बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं:

  1. यदि आप कहीं पर काम कर रहे हैं तो Hardware Keylogger से बचने के लिए सबसे पहले यह चेक करें कि कहीं आपके कंप्यूटर में कोई ऐसा डिवाइस तो नहीं लगा है जो पहले नहीं लगा था। यदि ऐसा होता है तो आप उसे तुरंत निकाल दें।
  2. वायरलेस माउस और वायरलेस कीबोर्ड का इस्तेमाल करना आपके प्राइवेसी और डाटा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। दरअसल वायरलेस माउस और कीबोर्ड एक इंक्रिप्टेड सिग्नल यूज करते हैं, जिनसे उनके कमांड सीपीयू तक पहुंचते हैं और कंप्यूटर डिस्प्ले पर आउटपुट देते हैं। इसीलिए ऐसे वायरलेस और माउस खरीदते समय हमेशा अच्छी कंपनी का ध्यान दें।
  3. यदि आप कंप्यूटर का प्रयोग कर रहे हैं तो प्रतिदिन काम शुरू करने से पहले यह जरूर चेक करें कि कहीं आपके कंप्यूटर में कोई ऐसा सॉफ्टवेयर तो इंस्टॉल नहीं है जिसे आपने खुद से Install नहीं किया था। यदि आपको कोई ऐसा सॉफ्टवेयर दिखे तो उसे तुरंत Uninstall कर दें।
  4. यदि आप अपने स्मार्टफोन पर ऑनलाइन बैंकिंग या नेट बैंकिंग करते हैं तो कभी भी मोबाइल के कीबोर्ड का इस्तेमाल ना करें। नेट बैंकिंग के समय सभी बैंक एक वर्चुअल कीबोर्ड प्रदान करते हैं ताकि उनका डाटा चोरी ना हो सके। आप भी वर्चुअल कीबोर्ड का ही उपयोग करें।
  5. यदि आप अपने स्मार्टफोन में या कंप्यूटर में कोई सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रहे हैं तो बड़े ही सोच समझ कर करें। कोई ऐसा वैसा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल ना करें जिससे आगे चलकर आपके प्राइवेसी और डाटा को खतरा हो सके।

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